Samajik Vedna
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उत्सव
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उत्सव तो मिलने जुलने के बहाने होते हैं।
दिलों की दूरी कम करने के बहाने होते हैं।।
पर्व गमों को भुलाने के बहाने होते हैं।
तन-मन की थकान मिटाने के बहाने होते हैं।।
त्योहार रिश्तों को याद करने के बहाने होते हैं।
यह परम्परा को दोहराने के बहाने होते हैं।।
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