Samajik Vedna
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धर्म जीत और जीवन
धर्म नीति वही है,जो बोले आत्मा।
अधर्म कर्म वही है,जो रोके आत्मा।।
धर्म के बल पर जीत है शाश्वत।
अधर्म के बल पर जीत है विशाक्त।।
उस जीत में ही छिपा है विनाश।
सही जीत वही है ,जो बोले धर्म।।
क्यों कि—–
आत्मा को सता कर, ठंडी नहीं होती है आत्मा।
सताई आत्मा की आह है, एक दधकता शोला।।
शोले की तपन से,समूल मिट जाओगे।
धर्म की शीतलता से,समूल संवर जाओगे।।
अतः—–
जीना वही है, यदि जीया जाय सद्कर्मों के साथ।
सफल जीवन वही,जो बीत जाये सद्कर्मों के साथ।।
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