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हिन्दी ब्लागिंग हिन्दी को मान दिलाने में सार्थक हो सकती है।

Samajik Vedna
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हिन्दी ब्लागिंग हिन्दी को मान दिलाने में सार्थक हो सकती है।
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हिन्दी एक सरल सुरीली भाषा होने पर समाजिक सम्पर्क, व्यवसाय आदि में इसका सबसे अधिक प्रयोग किया जाता है। हिन्दी अपनी विभिन्न स्थानीय बोली के साथ अपनी समृद्धता बढ़ाती रही है। यह अपने स्वयं के प्रभाव एवं आम जनता के सहयोग से फल-फूल रही है। समाज के लगाव से ही किसी भाषा की समृद्धता स्थापित होती है। समाज के बौद्धिक वर्ग व्दारा जिस भाषा का रूचिकर ढंग से प्रयोग करता है, तो उसका अनुकरण आम जन व्दारा किया जाता है। साथ ही देश की व्यवस्था जिस भाषा को प्रसय दती है उससे भी भाषा सशक्त होती है। यदि हिन्द के प्रति लगाव रखने वालों में बौद्धिक-वर्ग को अधिक से अधिक शामिल किया जाय तो भाषा का मान अपने आप बढ़नेगा। अब प्रश्न होता है कि बौदधक-वर्ग कौन है, बौद्धिक-वर्ग को कैसे शामिल किया जाय, भाषा-साहित्य का विकास कैसे किया जाय, हिन्दी भाषी लोगों की संख्या में बृद्धि कैसे की जाय,
उक्त प्रश्नों का जवाब देने के लिए हिन्दी ब्लागिंग कहाँ तक सक्षम है, अर्थात हिन्दी बलागिंग हिन्दी को मान दिलाने में कहाँ तक सक्षम है, इससे पूर्व बौद्धिक-वर्ग की बात की गयी है। मानव जीवन के कल्याण को गम्भीरता से सोचने वाला,सभ्य समाज के निर्माण की तर्क संगत बात करने वाला, अपने इतिहास व वर्तमान का विश्व-ज्ञान से सामन्जस्य बना कर तथा अन्तरात्मा की आवाज को साक्षी मान कर, सत्य को आधार बना कर, एक आदर्श समाज की परिकल्पना वाला व्यक्ति बौद्धिक-वर्ग में माना जा सकता है। यदि इस वर्ग को अधिक से अधिक संख्या में हिन्दी भाषा से जोड़ने का प्रयास किय जाय तो हिन्दी भाषा एवं साहित्य को मान दिलाने में बहुत सहायक होगा। हिन्दी ब्लागिंग उच्च सोच के व्यक्ति को अपनी बात कहने का मंच प्रदान करता है। इस मंच पर अपनी बात कहता है। जिससे बौद्धिक वर्ग एवं आम जन तक उसकी बा पहुँचती है। बिशेष बात यह है कि इसके माध्यम से क्षेत्रीय शब्दों का आदान-प्रदान भी होता रहता है।
ब्लाग पर अपनी बात कहने वाला बौद्धिक-वर्ग की प्रतिक्रिया से अपनी बात के स्तर का भी आंकलन करता रहता है। साथ ह प्रभावपूर्ण ढंग से अपनी बात हने का प्रयास करता है। समाज व्दारा उसकी बात सुनी और मानी जाय। इसके लिए वह पूरी कोशिश करता है। व्यक्ति में प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप में यश प्राप्त करने की भावना जुड़ी होती है। इसमें हिन्दी बलागिंग अपना पूरा योगदान कर पा रहा है। ब्लागिंग से हिन्दी भाषी बौद्घिक-वर्ग में मुखरता आती है। इससे उसका उत्साहवर्धन होता है। यदि मनुण्य को किसी कार्य के प्रति उसके उत्साह को जागृत कर दिया जाय तो समझो कि वह कार्य हो गया। हिन्दी ब्लागिंग से उत्साहवर्धन हो रहा है।
भाषा को महत्वपूर्ण स्थान पाने के लिए उसके साहित्य का विस्त्रित होना आवश्यक है। समाज प्रत्येक पहलू की समस्या व निदान से सम्बन्धित साहित्य की उपलब्धता भाषा को सशक्त बनाती है। हिन्दी ब्लागिंग समाज के प्रत्येक पहलू पर चर्चा करने का एक मंच का काम कर रहा है। इन चर्चाओं े बीच से ही साहित्य का सृजन होता है। और आने वाले समय में अच्छे साहित्य की आशा की जा सकती है। हिन्दी ब्लागिंग से अनेक व्यक्तियो के विचार जानने का अवसर मिलता है। व्यक्ति अपने अंतस के साथ सामन्जस्य बिठाकर समस्या/जिज्ञासा विशेष की संतुण्टि पाता है।
हिन्दी ब्लागिग में अपनी बात कहने के साधन के रूप में प्रयोग करने वालों की संख्या बढ़ रही है। इस प्रकार हि्न्दी ब्लागिंग हिन्दी के मान को बढ़ाने में अपनी सशक्त भूमिका निभा रहा है।

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